वायस ऑफ पानीपत (देवेंद्र शर्मा)- किसान आंदोलन को लेकर पंजाब और हरियाणा के बीच फिर ठन गई है। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसान आंदोलन पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने किसान संगठनों से कहा कि वे अपना आंदोलन हरियाणा और दिल्ली में करें, लेकिन पंजाब में धरना आदि न देें। किसान धरना देकर पंजाब की आर्थिकता को नुकसान न पहुंचाएं। उधर, हरियाणा सरकार ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है और कैप्टन अमरिंदर पर निशाना साधा है।
दूसरी ओर, हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल और गृहमंत्री अनिल विज ने कैप्टन अमरिंदर सिंह पर तीखा हमला बोला है। विज ने कैप्टन के बयान को बेहद गैर जिम्मेदाराना करार दिया है। जेपी दलाल ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के बयान से साफ हो गया है कि यह पूरा आंदोलन कांग्रेस और पंजाब प्रायोजित है। कैप्टन को पंजाब के साथ हरियाणा और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की भी चिंता करनी चाहिए। उनको किसान जत्थेबंदियों को समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि पंजाब हमेशा से हरियाणा के साथ भेदभाव करता रहा है। कैप्टन ने किसानों को अपील की कि वह पंजाब में 113 जगह दिए जा रहे धरने उठा लें, ताकि आम लोगों को राहत मिल सके और पंजाब की आर्थिकता प्रभावित न हो। कहीं न कहीं यह धरने पंजाब के लिए गंभीर साबित हो रहे हैं। राज्य की आर्थिक हालात पहले ही ठीक नहीं है और अगर किसान अपने ही राज्य में धरने लगाएंगे तो इससे हालत और खराब हो सकती है।
कैप्टन ने कहा कि कांग्रेस सरकार किसानों की हितैषी रही है और हमेशा किसानों के हक में आवाज बुलंद की है। गन्ने की कीमत 360 रुपये प्रति क्विंटल की गई है जिससे किसानों को सीधा लाभ हुआ है। उन्होंने किसानों को कर्ज माफी के चेक भी बांटे। इस दौरान कैबिनेट मंत्री विजय इंदर सिंगला व सुंदर शाम अरोड़ा, हलका विधायक डा. राज कुमार चब्बेवाल आदि मौजूद रहे। पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कैप्टन के बयान पर ट्वीट कर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कैप्टन अपने आलीशान महल में आराम करते हैं, जबकि हमारे किसान पिछले 10 महीने से खराब मौसम में दिल्ली की सड़कों पर मर रहे हैं। यही उनकी योजना थी।
TEAM VOICE OF PANIPAT