वायस ऑफ पानीपत (शालू मौर्य ):- आरबीआई(RBI) गवर्नर शक्तिकांत दास ने ऐलान किया कि इस बार भी बैठक में फैसला लिया गया है.. कि रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा.. इसका मतलब है कि रेपो रेट यथावत 6.5 फीसदी पर बना रहेगा.. आपको बता दें कि कई विशेषज्ञों ने उम्मीद जताई थी कि मुद्रास्फीति (Inflation) और अन्य वैश्विक कारकों के कारण रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला लिया जा सकता है.. RBI गवर्नर ने बताया कि एमपीसी के सभी सदस्य पॉलिसी दरों को स्थिर बनाए रखने के पक्ष में थे। वहीं गवर्नर ने इस बात पर भी जोर दिया कि महंगाई के खिलाफ लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है और RBI ने महंगाई को 2-6% के बीच नहीं बल्कि 4% पर रखने का लक्ष्य रखा है.. आपको बता दे की 4 अक्टूबर से आरबीआई की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक शुरू हुई थी.. इस बैठक का फैसला आज आरबीआई गवर्नर द्वारा दिया गया है..फेस्टिव सीजन में इस फैसलों पर सबकी नजर बनी हुई है.. इस बैठक में देश के आर्थिक स्थिति और महंगाई को ध्यान में रखकर फैसले लिए जाते हैं..
*क्या है एमपीसी*
आरबीआई अधिनियम 1934 के तहत, आरबीआई विकास और महंगाई को कंट्रोल करने के लिए मौद्रिक नीति के संचालन की जिम्मेदार है.. एमपीसी में देश के विकास और महंगाई को कंट्रोल करने में सहायता करती है.. एमपीसी बैठक में 6 सदस्य होते हैं.. इस बैठक की अध्यक्षता आरबीआई के गवर्नर द्वारा किया जाता है..
रेपो रेट क्या होता है?
रेपो रेट को आसान भाषा में समझे तो यह केंद्रीय बैंक द्वारा देश के बाकी बैंकों में दिये जाने वाले कर्ज की दर होती है.. बैंक इसी दर पर ग्राहकों को भी लोन की सुविधा देते हैं..अगर केंद्रीय बैंक रेपो रेट को कम करने का फैसला लेता है तो इसका मतलब होता है कि अब बैंक ग्राहकों को कम ब्याज दर पर होम लोन, व्हीकल और बाकी लोन देती है..
TEAM VOICE OF PANIPAT