वायस ऑफ पानीपत (कुलवन्त सिंह):- हरियाणा में अब FIR में जाति और धर्म का जिक्र नहीं होगा.. यदि कहीं भी जाति या धर्म का उल्लेख करना जरूरी होगा तो कारण बताना होगा.. हरियाणा के डीजीपी ने हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है.. इससे पहले, डीजीपी ने उच्च न्यायालय में एक हलफनामा दायर कर अदालत को बताया था कि किसी धार्मिक समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने या उनके पूजा स्थलों को अपवित्र करने के मामलों में, धारा 295 के तहत सूचना देने वाले/शिकायतकर्ता या पीड़ितों और उन संदिग्ध आरोपी व्यक्तियों के धर्म का ध्यान रखा जाना चाहिए.. धारा के तहत एफआईआर दर्ज करते समय इसका उल्लेख करना आवश्यक है..

पुलिस कार्यवाही में व्यक्ति के धर्म या जाति के जिक्र गलत करार देते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा के डीजीपी को इस प्रथा को रोकने के लिए उठाए कदमों की जानकारी सौंपने का आदेश दिया था.. इससे पहले हाई कोर्ट ने पंजाब पुलिस को एफआइआर में आरोपियों का धर्म या जाति लिखने से रोका था.. अंबाला निवासी महिला ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए अग्रिम जमानत की मांग की थी..
केस को मध्यस्थता के लिए भेजते हुए हाई कोर्ट ने महिला को अग्रिम जमानत दे दी लेकिन इस मामले में पुलिस की कार्यवाही के दौरान उसके धर्म का जिक्र करने पर संज्ञान ले लिया.. कोर्ट ने कहा कि पुलिस की कार्यवाही में आरोपित या अन्य पक्षों की जाति या धर्म का जिक्र अनावश्यक है। बावजूद इसके इन्हें दर्ज किया जा रहा है..
TEAM VOICE OF PANIPAT