वायस ऑफ पानीपत (देवेंद्र शर्मा):- भारतीय सेना में एजुकेशन फोर्स से इंस्पेक्टर पद से सेवानिवृत्त अटावला गांव के डॉ. सुरेश देशवाल के बेटे 26 वर्षीय नितिन देशवाल भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गए हैं। सेना की इलेक्ट्रॉनिक एंड मैकेनिकल इंजीनियर्स कोर में बतौर अधिकारी देश की सेवा करेंगे। उन्होंने ऑफिसर बनकर परिवार की परंपरा निभाई है। उनके एक दादा स्व. चौधरी करण सिंह सेना में सूबेदार और ताऊ रणबीर सिंह कैप्टन के पद से सेवानिवृत्त हैं।
नितिन के किसान दादा स्व. दादा लालचंद देशवाल व दादी भारती देवी की अंतिम इच्छा थी कि पोता सेना में ऑफिसर बनकर परिवार की परंपरा निभाए। नितिन ने यूनिवर्सिटी वीआइटी वेलोर से बीटेक की डिग्री ली और बेंगलुरु में मल्टीनेशनल कंपनी में एक साल प्रोजेक्ट मैनेजर की एक लाख रुपये वेतन प्रति माह की नौकरी की। एक साल तक नौकरी की। उन्हें दादा को दिया वचन याद था। नौकरी छोड़कर सेना के ऑफिसर बन गए हैं। यह बात अलग है कि पोते को ऑफिसर बनते देख दादा अब इस दुनिया में नहीं हैं। गांव में परिवार के दादा कर्मचंद और बेद सिंह देशवाल ने ग्रामीणों के संग लड्डू बांटकर खुशी मनाई।
नितिन का कहना है कि मल्टीनेशनल कंपनी में उन्हें पैसा खूब मिलता था, लेकिन देश सेवा के लिए जो सपना देखा था वो पूरा होने की उम्मीद नहीं थी। इसलिए नौकरी छोड़ दी। फुटबॉल और बॉक्सिंग खेलकर शरीर को तंदरुस्त बनाया। पारिवारिक पृष्ठभूमि सेना की थी। इसलिए अनुशासित होकर पढ़ाई की और सफलता मिली। उन्होंने युवाओं का आह्वान किया है कि युवा सपने को मरने न दें। लक्ष्य साधने के लिए कड़ा परिश्रम करें। नितिन के पिता डा. सुरेश देशवाल अंबाला के राजकीय कालेज में प्रोफेसर हैं और प्रख्यात पर्यावरणविद हैं। मां निर्मला देवी अंबाला में राजकीय स्कूल में शिक्षिका हैं। डा. सुरेश ने बताया कि नितिन से प्रेरित होकर छोटी बहन सवेरा देशवाल ने एमबीबीएस की पढ़ाई की और अब अंबाला के अस्पताल में डाक्टर हैं। सबसे छोटी बहन अवनि देशवाल भी भाई को ही रोल माडल मानती हैं और अप्रैल 2021 में उनका लेफ्टिनेंट के पद पर चयन हुआ है।