वायस ऑफ पानीपत (सोनम गुप्ता):- हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सम्राट हेमचंद्र विक्रमादित्य की स्मृति में पानीपत तथा रेवाड़ी जिला में स्मारक बनाएं जाएंगे। संत महापुरूष सम्मान एवं विचार प्रसार योजना के तहत दोनों जिलों में 4 से 5 एकड़ भूमि में यह स्मारक बनाए जाएंगे ताकि सम्राट हेमचन्द्र विक्रमादित्य की शौर्य गाथा आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देने का कार्य करें। मुख्यमंत्री ने यह घोषणा शनिवार को नई दिल्ली स्थित हरियाणा भवन में सम्राट हेमचन्द्र विक्रमादित्य की स्मृति में स्मारक डाक टिकट विमोचन कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए की। इससे पहले मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय संचार राज्य मंत्री देवुसिंह चौहान के साथ महान राष्ट्रभक्त एवं पानीपत की दूसरी लड़ाई के महानायक सम्राट हेमचंद्र विक्रमादित्य के दिल्ली राज्याभिषेक स्मृति दिवस के अवसर पर स्मारक डाक टिकट का विमोचन किया। मनोहर लाल ने कहा कि जिन संत महापुरूषों ने समाज में जागृति लाने तथा देश की एकता, अखंडता व गौरव बढ़ाने का काम किया है, वर्तमान राज्य सरकार ने संत-महापुरूष सम्मान एवं विचार प्रसार योजना के माध्यम से उनके जीवन परिचय व शिक्षाओं को आगे बढ़ाने का काम किया है। जबकि पूर्व में ऐसी परम्परा जारी थी कि अपने या अपने पिता व दादा के नाम को आगे बढ़ाया जाता था। उन्होंने कहा कि जो समाज एवं राष्ट्र अपने शहीदों का सम्मान करता है और सदैव उनके कल्याण के प्रति सजग रहता है वह समाज सदा समृद्धि और प्रगति की ओर अग्रसर होता है। हमें सदा अपने शहीदों को सम्मान के साथ याद रखना होगा। राष्ट्र की रक्षा, एकता एवं अखण्डता को कायम रखने के लिए हमारे वीर सैनिकों और देशभक्तों ने जो शहादत दी है। हमारा राष्ट्र उनका सदा ऋणी एवं कृतज्ञ रहेगा।
महापुरुषों के आदर्श, सिद्धांत व शिक्षाएं मानव समाज का करते हैं मार्गदर्शन
मुख्यमंत्री ने कहा कि सम्राट हेमचंद्र विक्रमादित्य का 7 अक्टूबर 1556 को दिल्ली में राज्याभिषेक हुआ था। उन्होंने ही भले ही अल्प समय राज किया हो पर शताब्दियों के इस्लामी साम्राज्य के बीच उनका प्रभावशाली व्यक्तित्व अवश्य ही भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण अध्याय है। पानीपत के पास गांव सौंदापुर में उनकी प्रतिमा आज भी लगी हुई है। ऐसे महापुरुष न केवल हमारी अमूल्य धरोहर हैं बल्कि हमारी प्रेरणा भी हैं। ऐसी महान विभूतियों के आदर्श, सिद्धांत व शिक्षाएं मानव समाज का मार्गदर्शन करते हैं। उनकी विरासत को संभालने व सहेजने की जिम्मेदारी हम सबकी है। इसलिए हम संत-महापुरुष विचार सम्मान एवं प्रसार योजना के तहत संतों व महापुरुषों के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं। हमारा उद्देश्य है कि नई पीढ़ी उनके जीवन व कार्यों से प्रेरणा व मार्गदर्शन प्राप्त करे।
सम्राट हेमचंद्र विक्रमादित्य की एक साधारण व्यक्ति से सम्राट बनने की जीवन यात्रा हमें गर्व और गौरव से भर देती है
मुख्यमंत्री ने कहा कि सम्राट हेमचंद्र विक्रमादित्य भारतीय संस्कृति की अमूल्य धरोहर हैं। वे ऐसे महानायक थे, जिनकी एक साधारण व्यक्ति से सम्राट बनने तक की जीवन यात्रा हमें गर्व और गौरव से भर देती है। इससे हमारी नई पीढियों को जीवन में आगे बढ़ने, देशप्रेम और वीरता की प्रेरणा मिलती है। उन्होंने कहा कि संत महापुरूषों को सम्मान देने के लिए राज्य में अनेक शिक्षण संस्थानों का नामकरण भी किया गया है। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय, दुधौला (पलवल), महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय, कैथल, महाराणा प्रताप कृषि एवं बागवानी विश्वविद्यालय करनाल आदि अनेक संस्थान प्रदेश में महापुरूषों के नाम पर खोले गए हैं।
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