वायस ऑफ पानीपत (सोनम गुप्ता):- हरियाणा सरकार द्वारा विधवा की पेंशन रोके जाने पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने जमकर फटकार लगाई.. सरकार ने इस फैसले पर विधवा को मुआवजे के तौर पर 1 लाख रुपए देने का भी आदेश दिया है… हाईकोर्ट ने गलती से पेंशन में अतिरिक्त भुगतान होने के चलते भूल सुधार के लिए सरकार के फैमिली पेंशन रोकने के फैसले को मानमाना, संवेदनशील व अमानवीय बताया..
हाईकोर्ट ने कहा कि इस मामले में याची की कोई गलती नही थी फिर भी उसे 15 महीने के लिए पेंशन से वंचित कर दिया गया.. हाईकोर्ट ने कहा कि अब दोबारा पेंशन तय की गई तो उसमें से 9 हजार रुपए प्रतिमाह की कटौती का निर्णय ले लिया गया जो सही नहीं है.. हाईकोर्ट ने अब हरियाणा सरकार को अगले 39 माह तक प्रतिमाह 4500 रुपए की पेंशन से कटौती का आदेश दिया है.
*याचिकाकर्ता ने लगाए आरोप*
याचिका दाखिल करते हुए भिवानी निवासी सर्वेश देवी ने बताया था कि उसका पति लीडिंग फायरमैन पद पर कार्य करता था.. एक दुर्घटना के चलते सेवा में रहते हुए उनकी 2003 में मौत हो गई थी.. नियम के अनुसार याची को फैमिली पेंशन का भुगतान शुरू कर दिया गया.. नियम के अनुसार पहले 7 साल वेतन का 50 प्रतिशत फैमिली पेंशन के रूप में दिया जाता है और बाद में इसे 30 प्रतिशत कर दिया जाता है..
*विभाग के गलत फैसले पर हुआ अतिरिक्त भुगतान*
दरअसल हुआ ये कि 2009 में नियमों में सरकार की और से पेंशन नियमों में संशोधन किया गया और पहले 10 वर्ष 50% राशि पेंशन तय की गई थी.. याची को 2013 तक 50% वेतन का भुगतान करना था, लेकिन गलती से जुलाई 2021 तक 50 फीसदी तक भुगतान हुआ.. इसके बाद अगस्त 2021 से अगले 15 महीने तक कोई भुगतान नहीं किया गया और अक्टूबर 2022 में दोबारा पेंशन तय की गई.. इस दौरान जो अतिरिक्त भुगतान किया गया था, उसकी रिकवरी के लिए प्रतिमाह पेंशन से 9 हजार रुपए की कटौती का निर्णय लिया गया..
TEAM VOICE OF PANIPAT