वायस ऑफ पानीपत (सोनम गुप्ता):- हरियाणा के IAS अधिकारी धर्मेंद्र सिंह को सरकार ने बहाल कर दिया है.. उन पर एक करोड़ रुपए रिश्वत लेने का आरोप लगा था.. बहाली के साथ ही उन्हें पोस्टिंग भी दे दी गई है.. हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल की ओर से जारी ऑर्डर में उन्हें सहकारिता विभाग के विशेष सचिव की जिम्मेदारी दी गई है.. उनके साथ वर्ष 2020 बैच के IAS अफसर राहुल मोदी को सब डिविजनल ऑफिसर (सिविल) बहादुरगढ़ की जिम्मेदारी दी गई है। HCS अफसर चंद्रकांत कटारिया को भी नई जिम्मेदारी दी गई है..
हरियाणा पुलिस ने इसी साल मई में कार्यवाही करते हुए 2012 बैच के अधिकारी धर्मेंद्र सिंह को 1 करोड़ रूपए रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.. उन पर 2020 में सोनीपत में म्युनिसिपल कमिश्नर रहने के दौरान यह रिश्वत लेने का आरोप था।
धर्मेंद्र सिंह HCS से प्रमोट होकर IAS अफसर बने थे। गिरफ्तारी के दौरान वह दिल्ली में हरियाणा भवन में कार्यरत थे। उन्हें गुरुग्राम में उनके घर से गिरफ्तार किया गया था। पुलिस के अनुसार, धर्मेंद्र सिंह को SIT और फरीदाबाद पुलिस के संयुक्त अभियान में गिरफ्तार किया गया।
नई दिल्ली के रणजीत नगर में रहने वाले ललित मित्तल ने साल 2022 में कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी। ललित मित्तल ने अपनी शिकायत में बताया था कि पंकज गर्ग, आरबी शर्मा और जेके भाटिया नाम के लोगों ने उन्हें सोनीपत नगर निगम में सरकारी टेंडर दिलाने का झांसा दिया। इसके लिए 1 करोड़ 11 लाख रुपए की रिश्वत ली गई। इन लोगों ने ललित मित्तल को बताया कि रिश्वत की रकम उच्च अधिकारियों तक पहुंचाई गई है। इसके बाद भी जब उसे कोई सरकारी टेंडर नहीं मिला तो उसने शिकायत दर्ज करवाई।
ललित मित्तल की शिकायत के बाद इस मामले की जांच के लिए SIT का गठन किया गया। जांच के दौरान SIT ने पाया कि आईएएस अधिकारी धर्मेंद्र सिंह ने नगर निगम में संयुक्त आयुक्त रहते हुए रिश्वत ली थी। इसके सबूत भी SIT को मिल गए।
जांच के दौरान SIT के सामने एक और घोटाले की बात सामने आई जिसमें धर्मेंद्र सिंह ने एक इमारत के निर्माण में 57 करोड़ के टेंडर की रकम को बढ़ाकर 87 करोड़ रुपए कर दिया था। इसमें गलत तरीके से टेंडर की राशि को बढ़ाया गय।
TEAM VOICE OF PANIPAT