वायस ऑफ पानीपत (सोनम गुप्ता):- हरियाणा में फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन की ग्रांट बांटने में करोड़ो के घोटाले के बीच सरकार ने हॉर्टिकल्चर विभाग के डीजी डॉ. अर्जुन सैनी को हटा दिया गया है। उन्हें अब विभाग में HOD स्पेशल का पद दिया गया है.. जबकि उनके स्थान पर एग्रीकल्चर के डायरेक्टर IAS राजनारायण कौशिक को डीजी की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है..
इसके साथ ही मामले में कुरुक्षेत्र की 3 बड़ी फर्में केंद्र के साथ ही सीबीआई के निशाने पर आ गई हैं.. हॉर्टिकल्चर विभाग में किसानों की सब्सिडी के मामले पर CBI की नजर है.. हॉर्टिकल्चर और एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट में हुए इस बड़े बदलाव को लेकर हरियाणा ब्यूरोक्रेसी में कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं.. इससे पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल इसी मामले में विजिलेंस जांच में दोषी पाए गए 10 अफसरों के खिलाफ कार्रवाई कर चुके हैं..
केन्द्र सरकार के पास बागवानी विभाग में हुए घोटाले की जो शिकायत पहुंची है, उसमें कुरुक्षेत्र की 3 फर्मों का अहम रोल बताया गया है। शिकायत में कहा गया है कि फर्मों ने फर्जी FPO बनाकर सब्सिडी हड़पने का काम किया है। फर्मों ने FPO के नाम पर मंजूर होने वाली ग्रांट किसानों के खाते में जमा ही नहीं करवाई..
हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट में किसानों को FPO की ग्रांट केंद्रीय स्कीम के तहत दी जाती है। केंद्र सरकार ने हरियाणा सरकार को पत्र लिख कर मामले की CBI से जांच करवाने के लिए सहमति मांगी है। जिसकी फाइल मुख्यमंत्री कार्यालय में लंबित है। बताया गया कि अगले सप्ताह तक सरकार की ओर से CBI जांच की हरी झंडी दे दी जाएगी।
हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट में हुए घोटाले की जांच CM विजिलेंस से करा चुके हैं। 2022 में विजिलेंस की रिपोर्ट पर ही CM कई फर्म संचालकों और अफसरों के खिलाफ कार्रवाई कर चुके हैं.. सूत्रों की माने तो इस खेल में फर्म संचालकों का अहम रोल रहा है, जिसमें फर्जी FPO के जरिए पैसों का खेल खेला गया..
विभाग के 10 अधिकारियों के खिलाफ सरकार ने एक्शन लिया था.. इसमें बागवानी विभाग के 4 अधिकारियों को सस्पेंड करने के साथ ही रुल 7 के तहत 4 अफसरों को चार्जशीट किया गया था.. वहीं रुल 8 के तहत 6 सीनियर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हुई थी..
TEAM VOICE OF PANIPAT