वायस ऑफ पानीपत (सोनम गुप्ता):- हरियाणा के सीएम नायब सैनी ने पूर्व सीएम मनोहर लाल के एक ऑर्डर को बदल दिया है.. इससे एंटी करप्शन ब्यूरो को भी झटका लगा है.. सरकार के नए आदेश के तहत अब ACB सीधे हरियाणा लोकायुक्त को अपनी जांच रिपोर्ट नहीं भेज पाएगा.. नई व्यवस्था के तहत अब विजिलेंस डिपार्टमेंट को इसकी जानकारी देनी होगी.. सरकार के इस नए आदेश से मुख्य सचिव ऑफिस और पावरफुल हो जाएगा.. इसकी वजह यह है कि हरियाणा विजिलेंस डिपार्टमेंट को मुख्य सचिव ऑफिस से ही दिशा-निर्देश जारी किए जाते हैं.. अब उन अफसरों की मुश्किलें बढ़ेंगी, जिनके खिलाफ एसीबी जांच पूरी कर चुकी है..
*ACB को कई मामलों की जांच के थे निर्देश*
लोकायुक्त ने ACB को ऐसे कई मामलों की जांच करने का निर्देश दिया था.. जो उसके निर्णय के तहत थे या जिन पर भ्रष्टाचार विरोधी निगरानी संस्था द्वारा पहले ही निर्णय लिया जा चुका था.. मुख्य सचिव कार्यालय ने मौजूदा चलन को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि उन मामलों की जानकारी और रिपोर्ट न तो सरकार को मिलती है और न ही वे मामले सरकार के संज्ञान में है.. राज्य सरकार ने मामले पर पुनर्विचार करते हुए निर्णय लिया है कि भविष्य में जिन मामलों में जांच, जांच के आदेश लोकायुक्त द्वारा एसीबी को दिए जा रहे हैं, उन मामलों की जांच रिपोर्ट सतर्कता विभाग के माध्यम से लोकायुक्त को भेजी जाएगी.. मुख्य सचिव कार्यालय से जारी आदेश में यह स्पष्ट कहा गया है..
लोकायुक्त ने उन अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की थी.. जिनके खिलाफ एसीबी ने जांच रिपोर्ट सौंपी थी.. मुख्य सचिव कार्यालय को अधिकारियों के खिलाफ किसी भी प्रतिकूल टिप्पणी के बारे में सूचित किया जाना चाहिए.. एक वरिष्ठ अधिकारी ने तर्क दिया कि अगर जांच रिपोर्ट सतर्कता विभाग के माध्यम से लोकायुक्त को भेजी जाती है.. तो मुख्य सचिव कार्यालय दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बेहतर स्थिति में होगा..
हरियाणा सचिवालय के सूत्रों ने बताया कि लोकायुक्त को रिपोर्ट भेजने की व्यवस्था को और व्यवस्थित करने के उद्देश्य से यह आदेश जारी किए गए हैं.. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि चूंकि अधिकांश शिकायतें सरकारी अधिकारियों के खिलाफ हैं.. इसलिए लोकायुक्त द्वारा एसीबी से अधिकारियों के खिलाफ मांगी गई.. किसी भी जांच रिपोर्ट के संबंध में सतर्कता विभाग को सूचित किया जाना चाहिए..
TEAM VOICE OF PANIPAT