वॉयस ऑफ पानीपत(कुलवन्त सिंह)- टोक्यो ओलिंपिक में गोल्ड मेडल से चूकने के बाद भारत के स्टार रेसलर बजरंग पुनिया आज ब्रॉन्ज मेडल के लिए खेलेंगे। दोपहर 3:15 बजे मुकाबला शुरू होगा। क्वार्टर फाइनल में शानदार शुरूआत करने के बाद बजरंग सेमीफाइनल मुकाबला हार गए थे। लेकिन उनके पिता का कहना है कि बेटा आज तक कभी खाली हाथ नहीं लौटा है। पूरे देश की दुआएं उसके साथ हैं। एक महीना पहले उसके घुटने में चोट लग गई थी, फिर भी वह सेमीफाइनल तक पहुंचा। चोट की वजह से वह अटैकिंग नहीं खेल पाया।
बताया जा रहा है कि सेमीफाइनल मुकाबलते में तीन बार के वर्ल्ड चैंपियन अजरबैजान के पहलवान हाजी एलियेव ने उन्हें 12-5 के अंतर से हराया था। इससे पहले हुए क्वार्टर फाइनल मुकाबले में बजरंग पूनिया ने ईरान के पहलवान को 2-1 से मात देकर 65 किलोग्राम भार वर्ग में हराया था। बता दें कि बजरंग पुनिया किसी भी श्रेणी में दुनिया के नंबर 1 पहलवान बनने वाले पहले भारतीय हैं। इसके अलावा दो विश्व चैंपियनशिप पदक और प्रसिद्ध जर्मन लीग में कुश्ती करने वाले भी पहले भारतीय हैं। हरियाणा के झज्जर जिले के साधारण परिवार से आने वाले बजरंग पुनिया के पास शुरुआत में क्रिकेट और बैडमिंटन के सामान खरीदने के पैसे नहीं होते थे। उस समय बच्चे कबड्डी और रेसलिंग में बहुत रूचि रखते थे और पुनिया के गांव में इसका प्रचलन था। हालांकि उनके पिता बलवान सिंह भी रेसलर थे और युवा बजरंग उनकी कुश्ती देखने के लिए स्कूल तक छोड़ देते थे। बजरंग ने कहा भी था कि मुझे नहीं पता कि कब कुश्ती मेरी जिंदगी का हिस्सा बन गई।
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