वायस ऑफ पानीपत (कुलवन्त सिंह):- हरियाणा के मौजूटा सीएम नायब सैनी अभी कुरूक्षेत्र से सासंद है.. BJP-jjp गठबंधन टूटने के साथ मनोहर लाल खट्टर ने हरियाणा सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था.. जिसके बाद नायब सिंह सैनी चुने गए थे.. मनोहर लाल खट्टर ने करनाल सीट से भी इस्तीफा दे दिया था.. जिसके बाद करनाल विधानसभा सीट पर लोकसभा चुनाव के साथ ही 25 मई को चुनाव होने है.. BJP ने नायब सिंह सैनी को करानल विधानसभा सीट से उम्मीदवार भी घोषित कर दिया है.. लेकिन इस बीच अचानक से सीएम नायब सिंह सैनी की कुर्सी पर संकट मंडराता हुआ नज़र आ रहा है. दरअसल सीएम बने रहने के लिए 6 महीने के अंदर उनका विधायक बनना जरूरी है.. ऐसे में बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच के एक फैसले ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी है.. महाराष्ट्र के अकोला विधानसभा क्षेत्र में 26 अप्रैल को होने वाले उपचुनाव को बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने रद्द कर दिया है.. इस आधार पर इसे रद्द किया गया है कि जीतने के बाद विधायक का कार्यकाल एक साल से भी कम बचेगा..
*पंजाब-हरियाणा HC में देंगे चुनौती*
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के वकील संदीप गोयत ने कहा है कि वह करनाल विधानसभा उप-चुनाव कराने के संबंध में चुनाव आयोग की 16 मार्च की अधिसूचना को चुनौती देंगे। स्पष्ट है कि करनाल विधानसभा उप-चुनाव कराने की चुनाव आयोग की अधिसूचना लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 151 के प्रावधान के खिलाफ है.. गोयत ने बताया कि यदि किसी सदस्य का कार्यकाल एक वर्ष से भी कम शेष रहता है तो उप-चुनाव कराना स्पष्ट रूप से वर्जित है.. वह रिक्ति एक वर्ष से भी कम समय में है.. हम एक याचिका तैयार कर रहे हैं..
*कांग्रेस MLA ने भी की शिकायत*
वहीं कांग्रेस विधायक निरज शर्मा ने चुनाव आयोग में एक पत्र लिखा है.. इसमें बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच के दिए फैसले का हवाला देकर करनाल विधानभा का उप-चुनाव रद्द करने की मांग की गई है.. लेटर में लिखा है कि एक वर्ष से भी कम कार्यकाल के लिए उप-चुनाव कराना पैसे की बर्बादी है.. यदि यहां चुनाव होते भी हैं तो नव निर्वाचित विधायक का आधे से ज्यादा कार्यकाल आचार संहिता में बीतेगा.. 4 जून को नतीजे आने के बाद नए विधायक को सिर्फ 4 महीने का समय मिलेगा। चुनाव में सरकारी खजाने से भारी रकम खर्च की जाएगी..
TEAM VOICE OF PANIPAT