वायस ऑफ पानीपत (देवेंद्र शर्मा)- केंद्र सरकार बिजली क्षेत्र में बड़ा बदलाव करने जा रही है। नए बिजली बिल का ड्राफ्ट फाइनल कर लिया गया है। यह 29 नवंबर से शुरू होने वाले संसद के विंटर सेशन में पेश किया जाएगा। इससे देश के करोड़ों बिजली ग्राहक सीधे प्रभावित होंगे। इसमें पहला बड़ा बदलाव यह है कि सरकार अब बिजली कंपनियों को सब्सिडी नहीं देगी, बल्कि ग्राहकों के खातों में ट्रांसफर करेगी, जैसी रसोई गैस सब्सिडी दी जाती है।
दूसरी ओर, बिजली कंपनियां ग्राहकों से पूरा बिल वसूलेंगी, यानी, ग्राहकों को बिजली पूरी कीमत पर ही मिलेगी। फिर स्लैब के हिसाब से सरकार ग्राहकों के खातों में सब्सिडी ट्रांसफर करेगी। इसका सबसे बड़ा असर यह होगा कि मुफ्त बिजली के दिन खत्म हो जाएंगे, क्योंकि कोई भी सरकार मुफ्त बिजली नहीं दे सकेगी। हालांकि, वह ग्राहकों को सब्सिडी दे सकती है। ऐसा भी हो सकता है कि सरकार सिर्फ जरूरतमंदों को ही सब्सिडी जारी रखेगी, जैसा रसोई गैस के मामले में हो रहा है। जबकि, अभी देशभर में स्लैब के हिसाब से सभी बिजली ग्राहकों को सब्सिडी का लाभ मिलता है।
वहीं नए कानून से बिजली कंपनियों की इनपुट कॉस्ट के आधार पर उभोक्ताओं से बिल वसूलने की छूट मिलेगी। अभी बिजली उत्पादन कंपनियों की लागत ग्राहकों से वसूले जाने वाले बिल से 0.47 रुपए प्रति यूनिट ज्यादा है। इसकी भरपाई कंपनियां सब्सिडी से करती हैं। अभी तक यह व्यवस्था है कि राज्य सरकारें डिस्ट्रीब्यूटर बिजली कंपनियों को एडवांस सब्सिडी देती हैं। इस सब्सिडी के हिसाब से ही बिजली की दरें तय होती हैं।
TEAM VOICE OF PANIPAT