वायस ऑफ पानीपत (देवेंद्र शर्मा):- कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के विधि विभाग में इस सत्र में वकालत की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को प्रथम सेमेस्टर के प्रश्न पत्र में हिंदी और अंग्रेजी दोनों आप्शन मिलेंगे। कुवि के इतिहास में यह पहली बार होगा। इस तरह का फैसला लेकर कुवि ने कानूनी शिक्षा और इंजीनियरिंग जैसे प्राेफेशनल कोर्सों की पढ़ाई भी हिंदी में करने का रास्ता खोल दिया है। विधि विभाग में प्रथम सेमेस्टर से इसे लागू करने के बाद अगले चरण में इंजीनियरिंग में भी इसी तरह की पहल करने के लिए प्रयास तेजी से जारी हैं। इतना ही नहीं कुवि के पुस्तकालय में कानूनी शिक्षा से जुड़ी पाठ्य सामग्री हिंदी में उपलब्ध करवाने के लिए भी काम शुरू कर दिया गया है।
पिछले कई सालों से इंजीनियरिंग और कानूनी शिक्षा जैसे प्रोफेशनल कोर्सों की शिक्षा भी हिंदी में दिए जाने पर विचार चल रहा था। प्रोफेशनल कोर्सों का पाठ्यक्रम हिंदी में उपलब्ध न होने यह विचार सिरे नहीं चढ़ पा रहा था। नई शिक्षा नीति 2020 के आने पर इस विचार ने और जोर पकड़ना शुरू किया, लेकिन इसे अम्लीजामा पहनाना सभी के लिए चुनौती बना हुआ था।कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के विधि विभाग ने इस योजना को अम्लीजामा पहनाने की जिम्मेदारी उठाते हुए इस काम शुरू किया। इसके लिए प्रथम सेमेस्टर की परीक्षाओं में प्रश्न पत्र में ही अंग्रेजी के साथ हिंदी का आप्शन में दिए जाने का फैसला लिया है। कुवि कुलपति की ओर से मंगलवार को विश्व हिंदी दिवस पर इस बात की घोषणा भी कर दी है।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने बताया कि नई शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत मातृभाषा में पढ़ाए जाने पर जोर दिया गया है। कुवि ने इसकी ओर कदम बढ़ा लिया और पहली बार विधि विभाग के विद्यार्थियों को प्रथम सेमेस्टर के प्रश्न पत्रों में अंग्रेजी के साथ हिंदी का भी आप्शन दिया जाएगा। कुवि शैक्षणिक पाठ्यक्रम भी हिंदी व अंग्रेजी माध्यम में चलाए जा रहे हैं। अब ला और इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों को भी हिंदी भाषा में चलाए जाने की पहल शुरू हो गई है। कुवि के विधि विभाग ने इसका श्रेय लेते हुए अपने विभाग में विद्यार्थियों को प्रश्न पत्र हिंदी व अंग्रेजी दोनों माध्यम में देने का संकल्प लिया है।
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