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November 21, 2024
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मुकदमें से नाम कटवाने का झांसा देकर 22 लाख रूपए जबरन वसूली मामले में दूसर आरोपी गिरफ्तार

वायस ऑफ पानीपत (कुलवन्त सिंह):- थाना समालखा प्रभारी इंस्पेक्टर महिपाल सिंह ने बताया कि समालखा के बैनीवाल मोहल्ला निवासी संजय पुत्र रणबीर सिंह ने नवम्बर 2022 में थाना समालखा में शिकायत देकर बताया था कि उसके साथ आलम्बा वाई फाई प्राईवेट लिमिटिड में सोनीपत निवासी नीशु व बाकनेर दिल्ली निवासी अमित पार्टनर है। नवम्बर 2021 में जिला गुरूग्राम के थाना राजेंद्रा पार्क में दर्ज एक मुकदमें में नीशु का नाम आया था। समालखा में होम्योपैथिक क्लीनिक चलाने वाले डॉक्टर सुनील कुमार शुक्ला के साथ उन तीनों की जान पहचान थी उन्होंने इस बारे डॉक्टर सुनील शुक्ला को बताया। सुनील शुक्ला ने उन तीनों को अपने क्लीनिक पर बुलाकर पीएस तिवारी नाम के युवक से मिलवाया। सुनील शुक्ला ने उनको बताया की पीएस तिवारी ईडी में कमीशनर है और उसकी पत्नी की रिश्तेदारी में है। दर्ज मुकदमें से नीशु का नाम कटवाने की एवज में दोनों ने उनसे 22 लाख रूपए मांगे।


तय बातचित अनुसार 3 नवम्बर 2021 को उन तीनों ने डॉक्टर सुनील शुक्ला को उसके क्लीनिक पर जाकर 15 लाख रूपए नकद दे दिए। इसके 3 दिन बाद सुनील शुक्ला के कहने पर 4 लाख रूपए कैश उसके भतीजे को दिए। कुछ दिन बाद सुनील शुक्ला के कहने पर गुरूग्राम में पीएस तिवारी को 2 लाख रूपए कैश देकर आए। पीएस तिवारी ने एक लाख रूपए अपनी पत्नी के खाते में आनलाइन ट्रांसफर करवा लिए। उक्त राशि लेने के बाद डॉक्टर सुनील शुक्ला व पीएस तिवारी बार बार दबाव बनाकर कहने लगे की पैसे देकर अपना पिछा छुड़वा लो। दिसंबर 2022 में पीएस तिवारी में उच्च अधिकारियों को मोबाइल देने की बात कहकर दबाव बनाकर उनसे एपल का मोबाइल फोन ले लिया। पीएस तिवारी व डॉक्टर सुनील कुमार शुक्ला के कहने पर नीशु गुरूग्राम एसटीएफ थानें मे गया जहा उसकी उक्त मुकदमें में गिरफ्तारी हो गई।
नीशु की गिरफ्तारी के बाद उन्होंने डॉक्टर सुनील कुमार शुक्ला से अपने पैसे वापिस मांगे तो उसने पीएस तिवारी की उपर तक पहुंच होने की धोंष दिखाते हुए केस में फसवाने की धमकी दी। आरोपियों ने मुकदमें से नाम निकलवाने के झांसे में लेकर व दबाव डालकर उच्च अधिकारियों के नाम पर 22 लाख रूपए व मोबाइल फोन ले लिया। शिकायत पर नामजद आरोपियों के खिलाफ थाना समालखा में धोखाधड़ी व जबरन वसूली की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी थी।

इंस्पेक्टर महिपाल सिंह ने बताया कि पुलिस ने मामले की सघंन जांच करते हुए नामजद आरोपी सुनील शुक्ला को दिसम्बर 2022 में गिरफ्तार कर पूछताछ की। आरोपी ने पूछताछ में मामले में नामजद अपने साथी परमात्मा शरण तिवारी निवासी गाजियाबाद यूपी के साथ मिलकर उक्त ठगी व जबरन वसूली की वारदात को अंजाम देने बारे स्वीकारा था। पूछताछ में आरोपी ने पुलिस को बताया था कि उसने 8 लाख रूपए व मोबाइल फोन पीएस तिवारी को दिए थे। 4 लाख रूपए अपने भाई को व 5 लाख रूपए एक अन्य साथी आरोपी को दे दिए थे। उसके हिस्से में आए 5 लाख रूपए में से उसने ज्यादातर पैसे खर्च कर दिए। पुलिस ने आरोपी सुनील शुक्ला के कब्जे से बचे 50 हजार रूपए बरामद कर आरोपी को माननीय न्यायालय में पेश किया जहा से उसे न्यायिक हिरासत जेल भेजने के बाद आरोपी पीएस तिवारी की धरपकड़ के प्रयास शुरू कर दिए थे।

इंस्पेक्टर महिपाल सिंह ने बताया कि थाना की समालखा चौकी पुलिस टीम ने शुक्रवार देर शाम आरोपी पीएस तिवारी को कुंडली बार्डर से काबू करने में कामयाबी हासिल की। पूछताछ में आरोपी ने पुलिस को बताया कि ठगी व जबरन वसूली से हालिस की नगदी में से उसके हिस्से में आए 8 लाख रूपए में से ज्यादातर पैसे उसने खाने पीने में खर्च कर दिए। पुलिस ने आरोपी पीएस तिवारी के कब्जे से बचे 2 लाख रूपए बरामद कर पूछताछ के बाद शनिवार को आरोपी को माननीय न्यायालय में पेश किया जहा से उसे न्यायिक हिरासत जेल भेजा गया। 

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