वायस आफॅ पानीपत (कुलवन्त सिंह)- पूर्व मुख्यमंत्री व वरिष्ठ कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने चेतावनी दी कि अगर किसानों के मुद्दों को लेकर सरकार नहीं जागी तो कांग्रेस सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेगी। कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि अध्यादेश किसान विरोधी हैं। अगर यह अध्यादेश स्वामीनाथन रिपोर्ट के बगैर लागू होते हैं तो किसान अपनी ही जमीन पर नौकर बनकर रह जाएगा।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान के साथ एक के बाद एक धान खरीद, चावल, सरसों और बाजरा खरीद जैसे घोटाले हो रहे हैं। जो करोड़ों रुपये किसान हित में खर्च होना चाहिए थे, उसे घोटालेबाज डकार रहे हैं। सरकारी नीतियों और रवैये की चौतरफा मार किसान पर पड़ रही है। और रही-सही कसर केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि अध्यादेशों ने पूरी कर दी। अगर यह अध्यादेश स्वामीनाथन रिपोर्ट के बगैर लागू होते हैं तो किसान अपनी ही जमीन पर एक नौकर बनकर रह जाएगा। बड़ी-बड़ी कंपनियां उसे अपना मोहताज बना लेंगी। इन तीन अध्यादेशों का मकसद सिर्फ मंडी व्यवस्था और एमएसपी को खत्म करना है। हुड्डा ने कहा कि प्रदेश सरकार लगातार किसानों को फसलों के वाजिब दाम देने से कतरा रही है। मक्का किसानों की तो फसल खरीदने से ही इन्कार कर दिया गया। मजबूरी में उन्हेंं 600 से 700 रुपये के रेट में मक्का बेचनी पड़ी। हुड्डा ने कहा कि उखेड़ा और सफेद मक्खी की बीमारी ने नरमा की फसल को बर्बाद कर दिया है। इससे किसानों को बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ है। बिना किसी देरी के विशेष गिरदावरी कराकर प्रभावित किसानों को न्यूनतम 30 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाए।
उन्होंने कहा कि पिछले साल ओलावृष्टि से कई जिलों में रबी की फसल खराब हो गई थी। किसानों को आज तक उसका मुआवजा नहीं मिला है। लेटलतीफी की जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई कर तुरंत प्रभावित किसानों को आर्थिक मदद दी जाए।
पूर्व मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी कि अगर किसानों के मुद्दों को लेकर सरकार नहीं जागी तो कांग्रेस सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेगी। उन्होंने कहा कि किसानों, कर्मचारियों, युवाओं, छोटे दुकानदार और व्यापारियों से जुड़े मुद्दों को हम विधानसभा में भी उठाना चाहते थे, परंतु मानसून सत्र को महज औपचारिकता में बदल दिया गया।
TEAM VOICE OF PANIPAT