वायस ऑफ पानीपत (शालू मौर्या):- हरियाणा का 24 साल पुराना मामला एक बार फिर से सुर्खियों में है.. ये मामला पूर्व विधायक रेलूराम पूनिया से जुड़ा हुआ है.. आपको बता दे कि 24 साल बाद एक बार फिर से उनकी प्रॉपर्टी को लेकर विवाद खड़ा हो सकता है… HighCourt में बेटी सोनिया और दामाद संजीव की रिहाई याचिका मंजूर होने के बाद से ही प्रॉपर्टी का इस्तेमाल कर रहे चाचा-ताऊ के कुनबे के लोग परेशान हैं.. वे प्रॉपर्टी से ज्यादा खुद की जान का खतरा बता रहे हैं… उन्हें डर है कि जिस तरह सोनिया और संजीव ने अपने परिवार को खत्म कर दिया, उसी प्रॉपर्टी के लिए कहीं उनका मर्डर न हो जाए.. इसलिए, बुधवार को परिवार ने हिसार में अपने वकील लाल बहादुर खोवाल के साथ मिलकर राष्ट्रपति के नाम चिट्ठी लिखी है, जिसमें कहा गया है कि संजीव व सोनिया को रिहा न किया जाए.. इससे उनकी मुश्किलें बढ़ सकती है…

रेलूराम पूनिया के पास 2001 में करोड़ों की संपत्ति थी… उकलाना में गांव लितानी के पास रेलूराम ने 2 एकड़ जमीन में कोठी बनवाई थी.. ऐसी हवेली पूरे हिसार में नहीं थी… यह आज भी ऐसी कोठी है, जिसके दूसरे फ्लोर के कमरे तक कार चली जाती है… बताते हैं कि रेलूराम अपनी कार से सीधा बेडरूम तक जाया करते थे…
वहीं रेलूराम पूनिया के भतीजे जितेंद्र पूनिया ने बताया कि सेक्शन सर्टिफिकेट के लिए पिता राम सिंह ने कोर्ट में केस किया था… इसमें कोर्ट ने उनके पिता के हक में फैसला सुनाया और सेक्शन सर्टिफिकेट उनके नाम किया था… सेक्शन सर्टिफिकेट एक कानूनी दस्तावेज है, जो उस व्यक्ति के कानूनी उत्तराधिकारियों को जारी किया जाता है, जिनकी मृत्यु बिना वसीयत छोड़े हुई हो… यह प्रमाणपत्र उत्तराधिकारियों को मृतक की चल संपत्ति (जैसे बैंक जमा, फिक्स्ड डिपॉजिट, शेयर, आदि) पर दावा करने और उन्हें प्राप्त करने के लिए अधिकृत करता है…
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