वायस ऑफ पानीपत (शालू मौर्या):- हरियाणा से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है.. रेवाड़ी के एस जवान का 56 साल बाद पार्थिव शरीर मिला है.. जो 1968 में शहीद हो गए थे.. 56 साल पहले देश की सेवा में प्राणों को न्योछावर करने वाले जवान के पार्थिव शरीर को देखने के लिए गांव गुर्जर माजरी के ग्रामीण बेसब्री से इंतजार कर रहे है..
जानकारी के मुताबिक आपको बता दे कि 7 फरवरी को चंडीगढ़ से लेह के लिए इंडियन एयरफोर्स के एक विमान ने उड़ान भरी थी.. इस विमान में 102 लोग सवार थे.. लेकिन हिमाचल के रोहतांग दर्रे के पास विमान का संपर्क टूट गया और फिर आगे बादल के ऊपर चंद्रभागा रेंज में विमान क्रैश हो गया था.. विमान में रेवाड़ी की बावल तहसील के गांव गुर्जर माजरी के सिपाही स्वर्गीय मुन्शीराम भी सवार थे और 56 साल बाद अब उनकी बॉडी के अवेशष बरामद हुए हैं… रेवाड़ी के डीसी अभिषेक मीणा ने बताया कि सैन्य अभियान दल ने बर्फ से ढके पहाड़ों से चार शव बरामद किए हैं, उनमें स्वर्गीय मुन्शीराम के अवशेष भी हैं.. उनके पार्थिव शरीर को जल्द ही गांव में लाया जाएगा.. स्वर्गीय मुन्शीराम के पिता का नाम भज्जूराम, माता का नाम रामप्यारी और पत्नी का नाम पार्वती देवी है. स्वर्गीय मुन्शीराम के भाई कैलाशचन्द को इस सम्बन्ध में सेना की ओर से सूचना मिली हैं..
*7 फरवरी, 1968 को हुआ था विमान हादसा*
भारतीय वायु सेना का एएन-12 विमान खराब मौसम के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। कई दशकों तक विमान का मलबा और विमान सवारों के अवशेष बर्फीले इलाके में थे.. 2003 में अटल बिहारी वाजपेयी इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग के पर्वतारोहियों ने विमान के मलबे को खोज निकाला.. इसके बाद सेना खासकर डोगरा स्काउट्स ने कई अभियान चलाए.. 2005, 2006, 2013 और 2019 में चलाए गए सर्च ऑपरेशन में ऊंचाई वाले अभियानों में विशेषज्ञता के लिए डोगरा स्काउट्स सबसे आगे रहे.. 2019 तक केवल पांच शव ही बरामद हो पाए थे.. चंद्र भागा ऑपरेशन ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि सेना अपने जवानों के परिवारों को सांत्वना देने के लिए कितनी दृढ़ है..
TEAM VOICE OF PANIPAT