वायस ऑफ पानीपत (शालू मौर्या):- त्योहारी सीजन में किराना सामग्री और सब्जियों में बढ़ती महंगाई ने गरीब व मध्यमवर्गीय परिवारों की कमर तोड़ कर रख दी है.. पिछले एक महीने में खाद्य वस्तुओं के भाव में जिस प्रकार उछाल आया है, उतना तो शायद ही कभी देखने को मिला हो.. इन दिनों सब्जियां ही नहीं, बल्कि किराना सामग्री के दाम भी इस कदर बढ़ गए हैं कि लोग परेशान हैं.. किराना व्यापार से जुड़े लोगों का कहना है इससे पहले उन्होंने महंगाई की ऐसी रफ्तार कभी नहीं देखी.. बीते एक माह के दौरान ही किराना सामग्रियों के भावों में 30 फीसदी तक उछाल आया है.. इस महंगाई ने संपन्न वर्ग को तो अधिक प्रभावित नहीं किया, लेकिन मध्यम और गरीब वर्ग चपेट में आ गया है.. व्यापारियों का कहना है कि किराना वस्तुओं की लगातार बढ़ती कीमतों से सिर्फ ग्राहक वर्ग ही प्रभावित नहीं है, बल्कि व्यापारी भी परेशान हैं..
महंगाई के कारण कारोबार में लागत बढ़ गई है, लेकिन खपत कम होने के कारण मुनाफा घट गया है.. जो गरीब वर्ग एक लीटर तेल ले जाता था, अब वह आधा लीटर से काम चलाने को मजबूर हो रहा है.. इस तरह महीने के राशन में कटौती होने लगी है.. जिसका सीधा असर व्यापार पर पड़ रहा है.. उनका कहना है कि सरकार महंगाई रोकने में विफल है.. महंगाई से मध्यम और गरीब वर्ग परिवारों की हालत खराब हो रही है, लेकिन महंगाई पर अंकुश लगाने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं..
*30 रुपए तक बढ़ा तेल की कीमतें*
तेल की रफ्तार और कीमतों में तेजी देखने को मिली है.. एक महीने पहले तेल 130 लीटर प्रति मिल रहा था.. इसी तेल के दाम एक महीने में बढ़कर 150-160 रुपए प्रति लीटर हो गया है.. तेल के दाम बढ़ने से आदमी आदमी का बजट गड़बड़ा गया है.. जहां तेलों के दाम में वृद्धि हुई है..
केंद्र सरकार ने कच्चे और रिफाइंड तेल पर सीमा शुल्क बढ़ा दिया है.. सरकार के फैसले से त्योहारी सीजन में खाने के तेल में जबरदस्त तड़का लगा है.. खाद्य तेल 25-35 रुपए तथा सरसों का तेल 30-40 रुपए प्रति लीटर महंगा हो गया है.. बढ़ती महंगाई से आमजन के लिए रसोई का बजट गड़बड़ा गया है.. सरकार को उम्मीद है कि इससे देश के किसानों को फायदा होगा..
TEAM VOICE OF PANIPAT