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July 12, 2025
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पानीपत के नवदीप ने पेरिस पैरालंपिक में जैवलिन में जीता गोल्ड मेडल

वायस ऑफ पानीपत (शालू मौर्या):- पानीपत के नवदीप सिंह ने शनिवार को पेरिस पैरालंपिक में पुरुषों की रोमांचक भाला फेंका एफ 41 स्पर्धा के फाइनल में दमदार प्रदर्शन के साथ रजत पदक हासिल किया.. हरियाणा के 23 साल पैरा-एथलीट ने अपने दूसरे प्रयास में 47.32 मीटर का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ थ्रो किया, जिससे वह दूसरे स्थान पर पहुंच गए.. लेकिन यह उनके तीसरा थ्रो ने स्टेडियम को रोमांचित कर दिया.. नवदीप ने 47.32 मीटर के थ्रो के साथ पैरालंपिक रिकॉर्ड तोड़ दिया और बढ़त बना ली.. बता दें कि एफ 41 उन एथलीटों के लिए श्रेणी है जिनका कद कम है.. ईरान के बेइत सयाह सादेघ ने हालांकि अपने पांचवें प्रयास में 47.64 मीटर के थ्रो के साथ नवदीप के पैरालंपिक रिकॉर्ड को पीछे छोड़ नया रिकॉर्ड कायम करते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किया। नवदीप के रजत से पैरालंपिक में भारत की पदक संख्या को 29 तक पहुंचा गयी। इसमें छह स्वर्ण, 10 रजत और 13 कांस्य शामिल हैं। यह भारत का पैरा एथलेटिक्स में कुल 17वां मेडल है..

युवा भारतीय पैरा एथलीट नवदीप सिंह के लिए गोल्ड मेडल ना जीतना थोड़ा निराशाजनक था.. वह अपने स्वर्ण पदक से सिर्फ 0.32 मीटर से चूक गए.. लेकिन वह मल्टी स्पोर्ट्स टूर्नामेंट में अपना पहला पदक जीतकर काफी ज्यादा खुश थे.. उन्होंने जोरदार सेलिब्रेशन किया..

*अपना बेस्ट भी दिया*

 नवदीप ने पैरालंपिक में न केवल गोल्ड मेडल जीता है, बल्कि अपना अब तक का बेस्ट थ्रो भी फेंका है.. इससे पहले नवदीप ने जापान में आयोजित वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स में अपना 42.82 मीटर बेस्ट थ्रो फेंका था.. जबकि अब पैरालिंपिक में 47।32 मीटर थ्रो फेंका है..

*बेटे ने बाप का सपना पूरा कर दिया*

मां मुकेश रानी ने फोन पर बातचीत के दौरान हंसते हुए कहा कि बेटे ने अपने बाप का सपना और नाम रोशन कर दिया उन्हें गोल्ड की पूरी उम्मीद थी उन्होने बताया कि शुक्रवार को नवदीप का फोन पर कहा था कि मां चिंता मत कर, इतना दूर आया हूं तो खाली हाथ नहीं आऊंगा, मेडल जरूर लेकर आऊंगा…

*मां और भाभी ने रखा था व्रत*

नवदीप की जीत की कामना को लेकर मां मुकेश रानी और भाभी आरती ने व्रत रखा था.. सुबह उन्होंने पूजा अर्चना की और जैसे ही मैच शुरू हुआ..तो टीवी के सामने बैठकर हाथ जोड़कर मन मन में जीत की कामना करती रही.. जैसे ही मनदीप का मेडल पक्का हुआ तो उनकी आंखों से खुशी के आंसू निकल आए.. दोनों ने भगवान का शुक्र जताने के साथ जीत के लड्डू खाकर अपना व्रत खोला.. बतादें कि नवदीप के पिता का निधन हो चुका है..

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