वायस ऑफ पानीपत (सोनम गुप्ता):- पुरानी पेंशन बहाली ठेका कर्मियों की रेगुलराइजेशन 5 साल में पे रिवीजन,18 महीने के बकाया डीए डीआर, खाली पदों को भरने, निजीकरण पर रोक, NEP की वापसी सहित 7 सूत्री मांगों को लेकर कर्मचारी 16 फरवरी को राष्ट्रव्यापी हड़ताल करेंगे। चंडीगढ़ में हुई इस मीटिंग में मांगों को लेकर होने वाली हड़ताल और प्रदर्शन को लेकर कर्मचारी संगठनों ने रणनीति बनाई। मीटिंग में तय किया गया कि कर्मचारी संगठन 31 जनवरी को देशभर में जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करेंगे और सरकार को हड़ताल का नोटिस देंगे।
भकना भवन सेक्टर 29 डी में मीटिंग में कर्मचारी नेताओं ने गत वर्ष बिजली मुलाजिम की चंडीगढ़ में हुई हड़ताल के दौरान पदाधिकारियों पर दर्ज की गई FIR सहित अन्य सभी प्रकार की उत्पीड़न की कार्रवाई को वापस न लेने की घोर निंदा की। कहा कि 16 फरवरी को किसान मोर्चा भी ग्रामीण बंद करेगा।
अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष सुभाष लांबा ने सम्मेलन को बतौर मुख्य वक्ता संबोधित किया। उन्होंने दावा किया कि हड़ताल ऐतिहासिक होगी और इसमें देशभर के करोड़ों मजदूर एवं कर्मचारी शामिल होंगे। सरकार को अपनी ताकत का एहसास कराएंगे। उन्होंने कहा कि हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, राजस्थान व यूपी सहित उत्तर भारत के सभी राज्यों के साथ ही देशभर में हड़ताल का व्यापक असर रहेगा।
कर्मचारी नेताओं ने कहा कि पांच में से 3 राज्य में मिली जीत से उत्साहित होकर केंद्र सरकार ने पुरानी पेंशन बहाली व आठवें पे कमीशन के गठन से इनकार कर कर्मियों के जले पर नमक छिड़कने का काम किया है। उन्होंने कहा कि देश में सरकारी विभागों एवं पीएसयू में 50 लाख से ज्यादा ठेका संविदा कर्मचारी काम कर रहे हैं। सरकार उनको न तो नियमित कर रही है और न ही उन्हें समान काम समान वेतन व सेवा सुरक्षा प्रदान कर रही है। कहा कि हरियाणा सरकार ने तो कौशल रोजगार निगम का गठन कर ठेका कर्मचारियों के रेगुलर होने के सभी रास्ते ही बंद कर दिए हैं
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