वायस ऑफ पानीपत (देवेंद्र शर्मा)- बढ़ती ढंड व कोहरे ने लोगों के होश उड़ा दिये हैं। प्रदेश में लगातर बढ़ रही ठंड से जहां पारा जमाव बिंदु पर पहुंच गया है। वहीं, राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी जिला उपायुक्तों को बिना देरी के रैन-बसेरे शुरू करने और ठंड से बचाव के प्रबंध शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरक्त मुख्य सचिव एवं वित्तायुक्त पीके दास ने इस संबंध में सभी डीसी को गाइडलाइंस जारी की है। सभी जिला उपायुक्तों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने क्षेत्र में रैन बसेरा शुरू करे। सभी धर्मशाला व सामुदायिक केंद्रों को खुलवाया जाए। सभी जिला उपायुक्त सांसदों, विधायकों व मंत्रियों के सहयोग से राहत कार्य चलाएंगे। इसके लिए अतिरिक्त जिला उपायुक्त, जिला राजस्व अधिकारी व अन्य अधिकारी मॉनिटरिंग करेंगे। सरकार ने निर्देश दिए हैं कि कोई भी व्यक्ति ठंड के मौसम में बाहर न सोए। जिला उपायुक्तों को निर्देश दिए गए हैं कि वह मॉनिटरिंग अधिकारियों को निर्देश दें कि वे सामाजिक संगठनों के सहयोग तथा सरकार के साधनों से प्र्याप्त मात्रा में कंबलों की व्यवस्था करें। शहर में जो भी व्यक्ति बगैर कंबल के मिले उसे कंबल दिया जाए। आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा कहा गया है कि आने वाले दिनों में हरियाणा के जिलों में सर्दी और बढ़ने की आशंका है।
बता दें कि नूंह/मेवात जिले में कड़ाके की ठंड से जिलावासियों को राहत नहीं मिल पा रही, खासकर बेसहारा लोग इससे हल्कान हैं। लोग दिन-रात अलाव के आगे बैठकर चर्चा में मशरूफ रहते हैं। सडकों, बाजारों, गली-मोहल्लों में पूरी तरह से वीरानगी छाई हुई हैं। उधर दूसरी तरफ जिला प्रशासन के निर्देश पर तावडू, नूंह, पुन्हाना व फिरोजपुर झिरका नगरपालिकाओं में रैन बसेरे की व्यवस्था तो कर रखी हैं लेकिन उनके दिशा सूचक बोर्ड न होने से उनमें यात्री नहीं पहुंच पा रहे। गरीब तबका खासकर प्रवासी मजदूर आदि बाजारों, पार्कों, बस अड्डों के आसपास रातें काटने को मजबूर हैं। इस बारे में फिरोजपुर झिरका नगर पालिका के कार्यवाहक सचिव सुनील रंगा ने कहा कि लोगों को ठहरने के लिए उनके कार्य क्षेत्र फिरोजपुर झिरका के अलावा तावडू, पुन्हाना में रैन बसेरे की व्यवस्था की गई है।
इसी के साथ चरखी दादरी में कड़ाके की ठंड के जनजीवन पूरी तरह प्रभावित होता दिखाई देने लगा है। ठंड के कारण जहां पाला पड़ रहा है वहीं लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। किसानों का कहना है कि यदि तापमान में और अधिक गिरावट आती है तथा पाला पड़ने का सिलसिला जारी रहता है तो फसलों को नुकसान भी हो सकता है। कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि पाला पड़ने से फसलों में नुकसान हो सकता है, जबकि कोहरा फसलों के लिए फायदेमंद है। आपको बता दें कि हिसार में न्यूनतम तापमान 0.2, नारनौल में 1.3, भिवानी में 2.5, रोहतक में 2.6, करनाल में 3.4, फतेहाबाद में 3.1, सिरसा में 3.2, अम्बाला में 5.1 और गुरुग्राम में 7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
TEAM VOICE OF PANIAPT