वायस आफॅ पानीपत (कुलवन्त सिंह)- पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने हरियाणा सरकार को आदेश दिए हैं कि वह बिजली विभाग की लापरवाही के चलते हाईटेंशन तार के करंट से हाथ- पैर गंवाने वाले मासूम रमन को सबसे अच्छी तकनीक वाले कृत्रिम अंग मुहैया कराए। पानीपत निवासी रमन 3 नवंबर 2011 को हाईटेंशन तार की चपेट में आ गया था।
इस हादसे में उसने दोनों हाथ और पैर खो दिए। इसके बाद परिजनों ने मुआवजे व अलग-अलग राहत की मांग को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी। न्यायालय ने 2013 में याचिका का निपटारा करते हुए हरियाणा सरकार को पीड़ित का इलाज सुनिश्चित करने, उसे आर्थिक सहायता देने तथा कृत्रिम अंगों की व्यवस्था करने के आदेश दिए थे। इस आदेश को उच्चतम न्यायालय तक चुनौती दी गई लेकिन आदेश में कोई परिवर्तन नहीं किया गया।
इसके बाद पीड़ित पक्ष की ओर से एक अर्जी दाखिल की गई थी जिस पर लंबे समय से सुनवाई हो रही है। गुरुवार को सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक को हड्डी रोग विशेषज्ञों की एक टीम बनाने के आदेश दिए हैं । उच्च न्यायालय ने कहा कि वर्तमान में कोरोना का भय बना हुआ है ऐसे में यह विशेषज्ञ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक कर सबसे अच्छी तकनीक वाले कृत्रिम अंगों पर फैसला लें। न्यायालय ने कहा कि यदि आवश्यक हो तो एम्स और पीजीआई जैसे संस्थानों से भी इस बारे में परामर्श किया जाए। न्यायालय ने इसके लिए सरकार को 6 सप्ताह की मोहलत दी हैं।
TEAM VOICE OF PANIPAT