वायस ऑफ पानीपत (कुलवन्त सिंह) -: लघु सचिवालय में आज जिला कष्ट निवारण समिति का आयोजन किया जाना था,किसी कारणवश इसे रद्द कर दिया गया है। इस बैठक की अध्यक्षता प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला करते हुए शिकायतों की सुनवाई करने आ रहे थे। डीसी धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि बैठक में कुल 16 शिकायतें रखी जानी थी।
लॉकडाउन और अनलॉक-वन के कारण पिछले पांच महीनों से बैठक नहीं हो पाई। पिछली बैठक 22 जनवरी को संपन्न हुई थी। इस बार रखी जाने वाली शिकायतों में सात पुरानी, छह नई और तीन सीएम विंडो की शिकायतें हैं। सबसे अधिक पांच शिकायतें पुलिस विभाग से संबंधित हैं। चार शिकायतें पंचायत विभाग से जुड़ी हैं। इनके अलावा प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड, औद्योगिक सुरक्षा, शिक्षा विभाग, अग्रणी बैक और हाउसिंग बोर्ड आदि से संबंधित हैं।
पिछली बैठक के दौरान की गई शिकायतों की सुनवाई के दौरान जजो आदेश दिए गए उनका कितना काम हुआ इस बात को लेकर भी जवाबदेही हो सकता है। पिछली बैठक के दौरान चंदौली गांव के राकेश ने डाई हाउसों के निकलने वाले दूषित पानी की शिकायत पर डिप्टी सीएम ने प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों को टैंकरों जब्त करने, जुर्माना लगाने, टैंकर चालकों और डाई हाउस के मालिकों से गो-चरान भूमि में पौधारोपण कराने के आदेश दिए थे। दूसरी शिकायत हरि सिंह कॉलोनी वासी देवी सिंह नेकी थी उसने एटीएम से दो हजार रुपये निकाले, मैसेज 10 हजार रुपये निकासी का मिला। डिप्टी सीएम ने एलडीएम को आदेश दिए थे कि पीडि़त की रिजर्व बैंक तक पैरवी करें या जेब से 10 हजार रुपये भुगतान करें।
रवींद्र गोयल ने शिकायत दी थी कि उसने नियति इंटरनेशनल और हरिओम ट्रेडिंग कंपनी से आए खराब माल को वापस कर, बिल भेज दिया। माल प्राप्त करने के बाद दोनों फर्मों ने बिल रिजेक्ट कर दिया। डिप्टी सीएम ने उप आबकारी कराधान आयुक्त को दोनों कंपनियों लेखा-जोखा खंगालने के आदेश दिए थे।
अनाज मंडी, मतलौडा वासी व्यापारी राजकुमार की शिकायत थी कि आरोपित राजेंद्र, पंकज, मनोज, सुशील और सचिन ने नवंबर 2015 से 30 जनवरी 2016 तक उससे डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक की जीरी अलग-अलग फर्मों के नाम से खरीदी।उन पर 75 लाख 59 हजार रुपये बकाया है। उप मुख्यमंत्री ने आरोपित की प्रॉपर्टी अटैच करने के आदेश दिए थे।
TEAM VOICE OF PANIPAT