वायस ऑफ पानीपत (सोनम गुप्ता):- प्रधानमंत्री के सलाहकार तरुण कपूर ने शुक्रवार को पानीपत रिफाइनरी के गेस्ट हाउस में रिफाइनरी प्रबंधन के साथ बैठक कर इसकी टेंडर प्रक्रिया को सरल बनाने और ज्यादा से ज्यादा स्थानीय स्तर पर कस्टम हायर सेंटर व किसानों को इस काम में शामिल करने के निर्देश दिए।
तरुण कपूर ने कहा कि बायोमास के लिए पानीपत और करनाल एक बहुत बड़ा हब बन रहा है इसलिए पराली की खरीद को जल्दी से जल्दी सिरे चढ़ाने के लिए इसकी टेंडर प्रक्रिया को ज्यादा से ज्यादा सरल बनाएं ताकि स्थानीय किसान और कस्टम हायर सेंटर इसमें भाग ले सके। उन्होंने कहा कि यह व्यापार एक बहुत बड़ा हब बनने वाला है इसीलिए पानीपत और करनाल दोनों जिलों में रिफाइनरी की ओर से ज्यादा से ज्यादा डिपो बनाने पर जोर दिया जाए ताकि सारा बायोमास वहीं पर इक्कार किया जा सके और टेंडर के बाद इसमें भाग लेने वाले लोगों को सही समय पर भुगतान भी हो यह भी सुनिश्चित किया जाए।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह आगामी 15 दिन में डिपो प्रबंधन और टेंडर प्रक्रिया आदि इन सभी की रिपोर्ट देना सुनिश्चित करें इसके लिए रिफाइनरी की ओर से दो अधिकारी भी नियुक्त किए जाएं जिनकी जवाब देही भी सुनिश्चित की जाए।
तरुण कपूर ने कहा कि दिल्ली से सटे होने के कारण हरियाणा में पराली प्रबंधन के व्यापार की असीम संभावनाएं हैं इसलिए इसमें ज्यादा से ज्यादा किसानों को भी शामिल किया जाए ताकि वह अपने छोटे-छोटे व्यापार भी स्थापित कर सकें इससे स्थानीय रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि पराली प्रबंधन से किसान परली भी नहीं जलाएंगे और सारा बायोमास का प्रबंधन भी अच्छी तरह से होगा। उन्होंने इस मौके पर पराली प्रबंधन से संबंधित विभिन्न कंपनियों के प्रतिनिधियों से भी बातचीत की ओर किसानों से भी बातचीत की और उनकी समस्याओं को भी सुना।
बैठक में जिला उपायुक्त डॉ वीरेंद्र कुमार दहिया ने उन्हें जिले की स्थिति से अवगत कराया और कहा कि रिफाइनरी के साथ-साथ पानीपत शुगर मिल में भी एथेनॉल प्लांट लगाया गया है जहां बायोमास की खरीद की जाएगी। बैठक में हरेड़ा के चेयरमैन एस.नारायणन ने बताया कि प्रदेश में 36 लाख 57 हजार 220 एकड़ भूमि में चावल की खेती की जाती है जिसमें से 10 लाख एकड़ में बासमती और 26 लाख 57 हजार एकड़ में नॉन बासमती की खेती होती है। जिला पानीपत में 1 लाख 82 हजार एकड़ में चावल की खेती होती है जिसमें से 1 लाख 65 हजार एकड़ में बासमती और 17 हजार एकड़ में नॉन बासमती उगाई जाती है। पिछले साल रिफाईनरी के टू-जी एथनॉल प्लांट के द्वारा 10 हजार मीट्रिक टन पराली खरीदी गई थी जिसमें से 4 हजार मीट्रिक टन पानीपत और 6 हजार मीट्रिक टन करनाल जिला से ली गई थी। बैठक में रिफाईनरी प्रबंधन की ओर से आश्वस्त किया गया कि आगामी 15 दिनों में जिला उपायुक्त की अध्यक्षता में गठित की गई कमेटी का विवरण और अन्य सभी निर्देशों की अनुपालना रिपोर्ट प्रधानमंत्री कार्यालय दी जाएगी। इस बैठक के बाद उन्होंने सभी अधिकारियों के साथ टू जी एथनॉल प्लांट का भी दौरा किया व पौधारोपण भी किया। इस मौके पर करनाल के उपायुक्त अनीश यादव, रिफाईनरी के कार्यकारी निदेशक डी.एल.डाहरिया, कार्यकारी निदेशक ए.ई.एस.डी. शांतनु गुप्ता, बी.डी. सीईओ, ई.डी.पी.जे., पानीपत व करनाल के कृषि उपनिदेशक डॉ. वजीर सिंह गोयत व डॉ. आदित्य डबास इत्यादि मौजूद रहे।
TEAM VOICE OF PANIPAT