वायस ऑफ पानीपत (शालू मौर्य):- आज सावन का दूसरा सोमवार है जो अधिक फलदायी है। आज सोमवती अमावस्या 19 साल बाद सावन के साथ पुरूषोत्तम मास और संक्रांत के कारण बंगला सावन की शुरुआत का दुर्लभ योग बन रहा है…. सावन में भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना अनेक मनोरथों को पूर्ण करने वाली मानी गई है। इस माह में शिवलिंग का अभिषेक शुभ फलदाई माना गया है। 17 जुलाई 2023 को सावन माह का दूसरा सोमवार है….. इस दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा अर्चना की जाती है। श्रद्धालु इस दिन शिवालयों में पहुंचकर भगवान शिव का जलाभिषेक और पूजा-अर्चना कर उन्हें प्रसन्न कर रहे हैं…… सावन महीने का प्रत्येक सोमवार व्रत और पूजा के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। कहा जाता है कि सावन सोमवार के दिन व्रत रख कर महादेव की आराधना करने से भक्तों के सभी कष्ट मिट जाते हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं सावन के दूसरे सोमवार पर पूजा विधि और शुभ मुहूर्त…

*जानिए दूसरे सावन की पूजा विधि विधान*
सावन के दूसरे सोमवार पर सुबह जल्दी उठकर स्नानादि कर साफ कपड़े पहन लें और व्रत का संकल्प लें. इसके बाद शुभ मुहूर्त में शिवमंदिर जाकर भगवान की पूजा करें. अगर घर पर शिवलिंग स्थापित है तो आप घर पर भी पूजा कर सकते हैं…. पूजा के लिए सबसे पहले, गंगाजल,शुद्ध जल या कच्चे दूध से शिवलिंग का अभिषेक करें….. फिर चंदन का तिलक लगाएं. अब अक्षत, सफेद फूल, बेलपत्र, भांग के पत्ते, शमी के पत्ते, धतूरा, भस्म, इत्र, शहद, फल आदि अर्पित करें. इसके बाद धूप-दीप दिखाकर शिव जी की आरती करें. इस दिन शिवजी के मंत्रों का जाप करना और शिव चालीसा का पाठ करने से मनोकामनाएं पूरी होती है
*शिवजी के मंत्र *
सावन के दूसरे सोमवार पर पूजा में शिवजी के इन मंत्रों का जाप करें. इससे भगवान प्रसन्न होंगे और सभी मनोकामनाएं पूरी होगी…..
ॐ नम: शिवाय
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
ॐ नमो भगवते रुद्राय
ॐ हं हं सह:
ॐ नमः शिवाय व्योमकेश्वराय
ॐ पार्वतीपतये नमः
ॐ नमः शिवाय गङ्गाधराय
ॐ नमः शिवाय शान्ताय
*दुसरे सावन सोमवार का व्रत कब खोलें*
शास्त्रों के अनुसार शिव जी की पूजा प्रदोष काल और निशिता काल मुहूर्त में अधिक प्रभावशाली मानी जाती है। ऐसे में सावन सोमवार के व्रत पारण का अगले दिन सूर्योदय के बाद करना चाहिए।
TEAM VOICE OF PANIPAT