वायस ऑफ पानीपत (देवेंद्र शर्मा):- हरियाणा में कोरोना की संभावित तीसरी लहर की तैयारियों में जुटी प्रदेश सरकार एक बार फिर सीरो सर्वे कराएगी। पहले दो सीरो सर्वे में जहां व्यस्क पुरुष और महिलाओं को शामिल किया गया था, वहीं 15 जून को शुरू हो रहे सर्वे में बच्चे और किशोर भी शामिल किए जाएंगे। इससे यह पता लगाया जाएगा कि कितने फीसद बच्चों और लोगों में एंटी बाडी बन चुकी है तथा टीकाकरण का कितना असर हुआ है। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज लोगों में एंटीबाडी के प्रसार की दर और छह से 17 वर्ष की आयु के बच्चों (टीकाकरण से बाहर रखा गया समूह) में महामारी के प्रसार के अनुमान के लिए 15 जून को सीरो सर्वेक्षण की शुरुआत करेंगे। स्वास्थ्य सचिव राजीव अरोड़ा ने बताया कि सभी जरूरी तैयारियां कर ली गई हैं। सर्वे में टीकाकरण के प्रभाव को जानने के लिए डेटा भी एकत्रित किया जाएगा।
इससे गहन देखभाल इकाइयों (पीआइसीयू) की स्थापना और उन्नयन सहित बाल चिकित्सा सेवाओं की योजना बनाने व उनके सुदृढ़ीकरण करने में मदद मिलेगी। यह अध्ययन अतिसंवेदनशील आबादी और क्षेत्रों के बारे में जानकारी प्रदान करने के साथ-साथ इन क्षेत्रों में टीकाकरण अभियान को दिशा देने और प्राथमिकता देने के लिए भी होगा। राज्य के स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि सीरो सर्वेक्षण के तीसरे दौर का उद्देश्य समुदाय में कोविड-19 की दूसरी लहर के प्रभाव की पहचान करना भी है। बच्चों में एंटीबाडी का आकलन करने के लिए छह साल और उससे अधिक आयु के बच्चों को भी इस अध्ययन में शामिल किया गया है। सीरो सर्वे का पहला दौर अगस्त 2020 में आयोजित किया गया था जिसमें आठ फीसद लोगों में एंटी बाडी पाई गई। दूसरा दौर अक्टूबर में आयोजित किया गया था जिसमें पूरे प्रदेश में 14.8 प्रतिशत लोगों में एंटीबाडी पाई गई।
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