वायस ऑफ पानीपत (शालू मौर्य):- चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग के बाद से ही प्रज्ञान रोवर का चंद्रमा पर मिशन जारी है.. प्रज्ञान रोवर ने चंद्रमा से कई अहम जानकारी इसरो (ISRO) को भेजी है.. जिससे वहां की स्थिति के बारे में लगातार पता चल पाया है.. इस बीच प्रज्ञान रोवर चंद्रमा पर 100 मीटर से अधिक की दूरी तय कर चुका है.. इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने बताया कि प्रज्ञान रोवर और विक्रम लैंडर अभी तक अच्छी तरह से काम कर रहा है.. उन्होंने कहा कि प्रज्ञान रोवर ने लैडर विक्रम से 100 की दूरी को तय कर लिया है..इसरो प्रमुख ने यह जानकारी भारत के पहले सौर मिशन आदित्य एल-1(Aditya L-1) की सफल लॉन्चिंग के दौरान दी..
आपको बता दें कि भारत के चंद्रयान-3 मिशन (Chandrayaan-3 Mission) की बदौलत पहली बार चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव के तापमान के बारे में पता लगाया है.. लैंडर विक्रम पर लगे पेलोड चंद्र सरफेस थर्मोफिजिकल एक्सपेरिमेंट (चेस्ट) ने चंद्र सतह के तापमान का प्रोफाइल ग्राफ भेजा था.. इसमें गहराई में वृद्धि के साथ तापमान में बदलाव को दर्शाया गया है.. सतह के ऊपर सामान्यतया 50-60 डिग्री सेंटीग्रेड के बीच तापमान था, जबकि दक्षिण ध्रुव का अधिकतम तापमान 70 डिग्री सेंटीग्रेड है..
इसके अलावा इसरो ने मिशन चंद्रयान-3 (Mission chandrayaan-3) के बारे में जानकारी देते हुए बताया था कि परीक्षणों के बाद चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में गंधक (सल्फर) की मौजूदगी की पुष्टि की है.. यह ऐसी पहली ऐतिहासिक खोज है जो चंद्रमा की उत्पत्ति का सुराग दे सकती है और अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए भी इसका गहरा महत्व है..
TEAM VOICE OF PANIPAT